रायपुर : – राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण फेरबदल करते हुए राजधानी रायपुर की कमान डॉ. लाल उमेद सिंह को सैंपी है . लाल उमेद सिंह अपनी बेहतरीन पुलिसिंग और नवाचार के लिए जाने जाते है और मूलतः छत्तीसगढ़ के निवासी है . इससे पहले लाल उमेद सिंह कई बड़े जिलों में अपनी कप्तानी पारी खेल चुके है. श्री सिंह की अलग कार्यशैली और नवाचार को देखते हुए ही राजधानी का जिम्मा सौपा गया है .
गांव की मिट्टी से राजधानी तक का सफर : –
आदिवासी बाहुल्य जिला जीपीएम के एक छोटे से गांव मझगवां के आदिवासी परिवार के लाल उमेद सिंह ने अपने दृढ़संकल्प और कठोर परिश्रम से राजधानी तक का सफर तय किया है . 1996 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी लाल उमेद सिंह प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी के रूप में दुर्ग जिले में अपनी सेवाएं शुरू की . इसके उपरांत एसडीओपी नारायणपुर , सीएसपी जगदलपुर , एसडीओपी पाटन , सीएसपी छावनी , सीएसपी अंबिकापुर , के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होकर रायगढ़ , रायपुर शहर , AIG योजना प्रबंध , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुन: रायपुर शहर , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरबा , पुलिस अधीक्षक एसआईबी में सेवाएं दी . वर्ष 2016 में लाल उमेद सिंह के बेहतर पुलिसिंग और नवाचार को देखते हुए आईपीएस में पदोन्नति मिली . 17 जुलाई 2017 को लाल उमेद सिंह ने कबीरधाम पुलिस अधीक्षक का दायित्व संभाला और 28 मार्च 2020 तक वहां पर सेवाएं दी उसके उपरांत उनका तबादला छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल बालोद के पद पर कर दिया गया इसी दौरान उन्होंने 22 वी वाहिनी के सेनानी का भी कार्यभार संभाला उनकी बेहतर कार्यशैली को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने दूसरी बार 5 दिसंबर 2021 को कबीरधाम का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया . कबीरधाम से उन्हें बलरामपुर जिले की कमान सौंपी गई . रायपुर के पुलिस कप्तान बनने से पहले मुख्यमंत्री सुरक्षा की जिम्मेदारी लाल उमेंद सिंह को दी गई थी .
फोर्स एकेडमी से संवर रहा युवाओ का भविष्य ,
एसएसपी लाल उमेद सिंह ने बलरामपुर जिले में पदस्थापन के दौरान तीसरी फोर्स एकेडमी की शुरुआत की थी . बलरामपुर से पहले लाल उमेद सिंह ने कवर्धा जिले में एसपी रहते हुए फोर्स एकेडमी की शुरुआत की थी. पहले फोर्स एकेडमी की शुरुआत के नतीजे बेहतर निकले. करीब 600 से ज्यादा छात्रों को ट्रेनिंग का फायदा मिला. दूसरी फोर्स अकेडमी की शुरुआत लाल उमेद सिंह ने अपने गृहग्राम गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मझगंवा में की. यहां से अभी तक 200 से ज्यादा युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है .जिस तरह से एसएसपी लाल उमेद सिंह युवाओं का भविष्य संवारने के लिए मेहनत कर रहे हैं , उससे वो दिन दूर नहीं है जब इसी एकेडमी से निकला जवान छत्तीसगढ़ के किसी जिले का पुलिस कप्तान बनकर अपनी सेवा देगा. एसपी की इस पहल का स्वागत आज पूरा प्रदेश कर रहा है.
नक्सल ऑपरेशन कम्युनिटी पुलिसिंग पर बेहतर काम : –
नक्सल ऑपरेशन और कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर लाल उमेंद सिंह सोच और विचारधारा की सराहना आज पूरा प्रदेश कर रहा है . अपने शुरुआती बस्तर तैनाती में इन्होंने 4 नक्सलियों को ढेर किया था . वही कबीरधाम पदस्थ अवधि में सामुदायिक पुलिसिंग से पूरे प्रदेश में पुलिस ने अपना नाम बेहतर कार्य में दर्ज कराया है. सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जिले के युवाओं के साथ-साथ वनांचल व नक्सल प्रभावित गांव के युवा विकास से जुड़े है . कभी हाथ मे राइफल थामने वाले हाथों को कलम भी पकड़ाया गया जो आज सुनहरे भविष्य को लेकर मुख्यधारा से जुड़ रहे है . लाल उमेद सिंह बताते है कि शिक्षा ही एक शसक्त माध्यम है जिससे युवाओ का आज और कल बदला जा सकता है इन भटके हुए लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा ही है जो इन्हें मूलधारा से जोड़ सकती है .
राजधानी के मुद्दे इसलिए दी गई कमान : –
लाल उमेद सिंह शांति व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर माने जाते है जिस तरह से राजधानी में अराजकता का माहौल अनैतिक घटनाएं हो रही थी यही कारण है कि ऐसे सूझबूझ और कड़े फैसले लेने वाले अफसर को रायपुर की कमान सौंपी गई है . निश्चित ही साय के सुशासन और जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह निर्णय लिया गया है लाल उमेंद सिंह एएसपी रायपुर पहले भी रह चुके है जो राजधानी लॉ&ऑर्डर से भलीभांति अवगत है उनका एक्सपीरियंस और कार्यशैली अब कप्तान के रूप में राजधानी में देखने को मिलेगी .

