गौरेला पेंड्रा मरवाही – मोदी सरकार जहां जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में जनता के पीने योग्य पानी की व्यवस्था में जुटी हैं जिसमे प्रत्येक घरों तक पीवीसी पाइप के माध्यम से पानी टंकी से शुद्व पानी जनता को मिल सके इसके लिए करोडो रुपये खर्च हो रहे है लेकिन इसके विपरीत PHE विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार इस मील का पत्थर साबित होने वाली योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने को आतुर दिखाई पड़ रहे है |पेण्ड्रा से लगे हुए गाँव बसंतपुर के डोंगरा पारा के पास जल जीवन मिशन का काम बहुत ही घटिया स्तर का किया जा रहा हैं ठेकेदार मनमाना काम कर रहे है उन्हें जनता या उस कार्य की गुणवक्ता से कोई सरोकार् नही हैं जल जीवन मिशन जैसी योजना जो सीधा जनता की प्यास से जुड़ा मामला है उसमें गुणवक्ता को लेकर ना ही विभाग की रुचि दिखाई दे रही हैं ना ही जन प्रतिनिधि की सभी इस भ्रष्टाचार के लिए मौन सहमति दिए हुए हैं |
2014 से लेकर अब तक के मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में घर-घर पीने योग्य पानी पहुंचाने को लेकर तमाम तरह की योजनाएं चला रही हैं. जिनमें जल जीवन मिशन स्कीम की लागत लाखों करोड़ों रुपये है. सरकार इस योजना को पूरी प्रतिबद्धता के साथ देशभर में लागू कर चुकी है. जहां वर्षों से लोगों को पानी लेने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता था अब वहां हर घर पानी पाइप के जरिए पहुंच रहा है. लोगों को पानी मुहैया कराने के साथ-साथ जल संरक्षण को भी लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर हैं।



