विशेष अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने सुनाया फैसला
गौरला थाना क्षेत्र अंतर्गत पकरिया जंगल में एक नाबालिग किशोरी के साथ युवक द्वारा दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने आरोपी सुहेल उर्फ सोहेल खान को भारतीय दंड संहिता की धारा 137(2), 75, 63(ख) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-4 के तहत दोषी पाया है। और 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
घटना 10 फरवरी 2025 को दोपहर करीब 1 बजे पकरिया जंगल में हुई थी, इसके पहले पीड़िता की दोस्ती आरोपी सोहेल से इंस्टाग्राम पर हुई थी और मेसेज द्वारा बातचीत शुरू हुई। 10 फरवरी 2025 को सोहेल ने अपने दोस्त आशु का बर्थडे मनाने के बहाने मलनिया डेम बुलाया और पीड़िता अपनी सहेली और आरोपी सहित उसके दोस्त के साथ जब मलनिया डेम गए और पीड़िता और आरोपी अकेले बैठकर बात कर रहे थे तभी पीड़िता के मोबाइल में उसके पापा का फोन आने लगा तो आरोपी ने फोन लेकर फोन बंद कर दिया और फिर जबरदस्ती मोटरसाइकिल में पकरिया के जंगल ले गया और छेड़छाड़ करते हुए अश्लील हरकत शुरू कर दी। इस मामले में गौरेला थाना में आरोपी के खिलाफ बीएनएस और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और आरोपी को गिरफ्तार किया। इस मामले में आरोपी सोहेल खान पिता मोहम्मद फारुख खान निवासी बेलगहनाटोला गोरखपुर गौरेला को विशेष अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत 10 साल के कठोर कारावास और 500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर उसे अतिरिक्त एक माह का कठोर कारावास भुगतना होगा। वही बीएनएस एक्ट की धारा 137(2) के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास एवं ₹500 रुपयों के अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने बालकों से जुड़े अपराधों में सख्त कार्रवाई का संदेश दिया। और अपराध के 10 महीने के भीतर ही न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष अतिरिक्त लोक अभियोजक कौशल सिंह ने की।

